अवधी लोकगीत : नाव मुसहरवा है..!
हमरे लिये गर्व कै बाति है कि सोसित लोगन की ब्यथा क बानी दियै वाले लोकगीतन से लोकभासा भरी है,
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Read moreरजिया बेगम कै अवाज अपनी खास खनक के चलते हमैं नीक लागत है। इनके कुछ गानन क सिस्ट समाज भले
Read moreकबि समीर सुकुल जी अवधी के नये कबियन मा गिना जइहैं, इनकै नवापन यहि बात मा है कि अब तक
Read moreकबि अउर कबिता : कबि हरिश्चंद्र पांडेय ‘सरल’ कै जनम सन १९३२ मा फैजाबाद-अवध के पहितीपुर-कवलापुर गाँव मा भा रहा।
Read moreसबका रामनवमी पै हमरी तरफ से हार्दिक बधाई ! आजै के दिन राजा दसरथ कै अँगना लरिकन से चहकि गा
Read moreशैलपुत्री ई पोस्ट ड्राफ्ट कैके धरे रहेन, नौरातम के पहिले दिन खातिर। वहि दिन नेट से दूर रहि गा रहेन,
Read moreमोहारे के सिवाले पै माई.. सिव द्रोही मम दास कहावा। सो नर सपनेहुँ मोहि न पावा॥ सैव-बैसनौ के बीचे रारि
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