चला गजोधर भईस चराई!
हमका नयी पीढ़ी के जवानन कै लिखी कविता मिलत है तौ पहिली खुसी यू हुअत है कि नवजवानै अपनी लोकभासा मा लिखत अहैं। तब जबकि सब हिन्दी से हुअत-हुअत अंगरेजी की वारी लपलपात जात अहैं। यही लिहाज से यहि कविता ‘चला गजोधर भईस चराई!’ कै सबसे ज्यादा महत्व यहिके दस्ताबेजी हुवै मा अहै। रीवा जैसे दक्खिनी-अवधी के इलाका कै नवजवान अवधी मा रचनासील अहै। हमार आसीस जी से दरकारि अहै कि यहू से उग्गर-उग्गर कविता लिखैं। : संपादक
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कविता : ‘चला गजोधर भईस चराई!’
चला गजोधर भईस चराई,
जुग जमाना बदलिगा भाई!
लउँडे घूम रहे लगाये टाई,
पढ़े लिखे सब भईस चरावैं,
अनपढ़ कीन्हे खूब कमाई,
चला गजोधर भईस चराई !!
कलुआ भलुआ बाम्बे सूरत,
हमका तोहका का जरुरत!
खेत बेच के किहन पढ़ाई ,
चला गजोधर भईस चराई!
चालिस जगह दिहन इंटरब्यू ,
हमहू फसे उनके चक्रब्यू!
लगा पाच सौ फाम भराई ,
चला गजोधर भईस चराई!
बोल हाय बाय हमका भेजिस ,
जैसे घरे से कूकुर खेदिस!
कहिस आशीष हम फोन लगाउब ,
जल्दी अच्छी जॉब बताउब!
फोन नहीं किहिस का बताई ,
चला गजोधर भईस चराई!
बईठब बढ़िया चढ़े पेढ़ पर ,
भैसी चरिहीं हरे मेड़ पर!
कड़ी दुपहरी जब होई त ,
भैसी डबहा परि जई भाई ,,
चला गजोधर भईस चराई!
लइके चलब मटिआरे म ,
मजा करब झरिआरे म!
लल्लू झल्लू भईस बहोरिही ,
बल्लू भाई चना उखडिही!
हम करबय खुब चना भुजाई ,
चला गजोधर भईस चराई !
__आशीष तिवारी
आशीष तिवारी, गाँव – अमाव / पोस्ट – अतरैला, १२-चाकघाट / रीवा-मध्य प्रदेश कै रहवैया हुवैं। ई दक्खिनी अवधी कै इलाका आय। इनसे आप 9200573071 पै संपर्क कै सकत हैं।
एक अच्छी कविता अमरेन्द्र! तुम अच्छा काम कर रहे हो. जनता की रचना शीलता सामने ला रहे हो. साहित्य को मध्य वर्ग से बाहर देखने की जमीं ऐसे ही तैयार होती है.
आशीष तिवारी तक हमरो आशीष पहुँचे..बहुत बधाई।
ह्रदय से स्वागत करता हु !!
धन्यवाद ……~~
मै अमरेन्द्र जी को तहे दिल से धन्यवाद देना चाहता हु !
उन्होंने हमें अवधी कै अरघान में जगह दी ,
हमारे लिए इससे बड़ी ख़ुशी क्या हो सकती है !!
सभी दोस्तों को हमारी कविता पढने के लिए
प्यार भरा नमस्कार !!!
महेन्द्र मिश्र जी का मै बहुत शुक्र गुजार हु !
जिन्होंने हमें पहली बार फोन करके हमारी कविता
को अवधी कै अरघान में पोस्ट करने के लिए हमें प्रेरित किये
और उन्ही की कृपा से ही मेरे अन्दर छुपी हुई कला
को आप सब के सामने लाने में सहयोग किये है !!
मै उनको कभी न भूल पाउगा !!!
मै उनका हार्दिक ह्रदय से स्वागत करता हु !!
धन्यवाद ……~~
isko Hindi ya English me translate kar sakta hai kya koi? mujhe poora samajh me nahi aa raha. Thanks.
BHANU PRATAP SINGH
aapne hame bachpan me pahuncha diya.
AAPKO KOTI KOTI PARNAM
भैया आशीष जी का अवधी मान यतनी सुन्दर कविता लिखे क ताईं बहुतै धन्यवाद…..
आशीष तोहार कविता पढ़ि कै मजा गईल…..जिया खूब आगे बढ़ा…..
BAHUTAY BADHIYA
माननीय श्री आशीष तिवारी’जुगनू’ दादाभाई को सहर्ष प्रणाम करता हूं! आप सदैव प्रगति पथ पर अग्रसर रहें मैं यही कामना है!आपके आशीर्वाद की आकांक्षा रखता हूं!
आपका अनुज
पं.विकास पाठक’भारद्वाज’